Saturday, 19 September 2015

‪‎NetajiFiles‬: तो क्या जिंदा थे बोस? भतीजे को मिलते थे सीक्रेट रेडियो मैसेज जानिए अभी


कोलकाता: 1947 में आजादी मिलने के बाद महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे अमीयनाथ बोस को सीक्रेट रेडियो मैसेज मिलते रहे थे। इससे नेताजी के 1945 में प्लेन क्रैश में जारे जाने की अटकलें और कमजोर होती नजर आती हैं। यह खुलासा नेताजी की मौत से जुड़ी 64 फाइल्स के शुक्रवार को पब्लिक किए जाने के बाद मिले दस्तावेज से हुआ है। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें) क्या है लेटर में? इसमें एक लेटर भी है, जो अमीय नाथ बोस ने 18 नवंबर 1949 को अपने भाई शिशिर कुमार बोस को लिखी थी। शिशिर उस वक्त लंदन में मेडिसीन की पढ़ाई कर रहे थे। वहीं, अमीय कोलकाता में रहते थे। इसमें अमीय ने कहा था, ''बीते एक महीने से रेडियो पर एक चौंकाने वाला ब्रॉडकास्ट सुनने को मिल रहा है। हमें यह ब्रॉडकास्ट शॉर्ट वेव पर 16एमएम फ्रीकवेंसी पर सुनाई देता है। इसमें कहा जाता है, ''नेताजी सुभाष चंद्र बोस ट्रांसमीटर ए कौथा बोलते चाय।'' यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ट्रांसमीटर पर बात करना चाहते हैं। यह वाक्य घंटों तक दोहराया जाता रहा था। हमें नहीं पता कि यह ब्रॉडकास्ट कहां से हो रहा था।'' बाद में यह चिट्ठी कोलकाता पुलिस की स्पेशल ब्रांच को मिली। आजादी के कई दशक बाद भी पश्चिम बंगाल और केंद्र की इंटेलिजेंस एजेंसियां बोस परिवार के बीच चिट्ठियों में हुए कम्यूनिकेशन को ट्रैक करते रहे थे। कौन थे शिशिर और अमीय शिशिर कोलकाता के एक मशहूर डॉक्टर थे। वे वही कार चलाते थे, जिसके जरिए 1940 में नेताजी अपने एल्गिन रोड स्थित अपने घर से गायब हो गए थे। अमीय भी एक जाने-माने फिजिशियन थे, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। बाद में सांसद बने और म्यांमार में भारत के एंबैसेडर भी रहे।
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