Monday, 18 June 2018

देखी है ऐसी शादी, जहां बरात लेकर एक ही घर पहुंचेंगी तीन दुल्हनेें

त्यूणी, [चंदराम राजगुरु]: रूढ़िया टूट रही हैं और भारतीय विवाहोत्सव का तौर-तरीका धीरे-धीरे बदल रहा है। फिजूलखर्ची और दिखावे से लोग बचने लगे हैं। इससे जहां लोगों को शांति और सुकून मिल रहा है तो पैसों की बर्बादी भी बच रही है। कहीं तीन-तीन दुल्हन बरात लेकर पहुंच रही हैं, तो कहीं साल भार के सभी विवाह आयोजनों का एक ही सामूहिक भोज दिया जा रहा है। 
आमतौर पर कई परिवार विवाह समारोह को भव्य बनाने में लाखों-करोड़ों की रकम पानी की तरह बहा देते हैं। उनके लिए उत्तराखंड का जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर एक नजीर देता दिखता है। यहां विवाह समारोह में दिखावे के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची को सामाजिक बुराई माना जाता है। यहां दहेज रहित शादी व फिजूलखर्ची रोकना संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है। जौनसार-बावर के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में परंपरा के अनुसार दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है। 
जनजातीय परपंरा के अनुसार देहरादून जिले के इस ग्रामीण इलाकों में आज भी दुल्हन गाजे-बाजों के साथ दूल्हे के घर बरात लेकर पहुंचती है। इसी परपंरा को कायम रखते हुए अटाल के प्रधान ने अपने तीन भाइयों का विवाह जौनसारी रिवाज से एक ही दिन कराने का फैसला किया है। विवाह समारोह आगामी छह मार्च को आयोजित किया गया है। जिसकी तैयारी में ग्रामीण अभी से जुट गए हैं। इस दिन तीन दुल्हन एक साथ बरात लेकर प्रधान के घर पहुंचेंगी। विवाह में करीब दो हजार लोग शामिल होंगे।

Saturday, 16 June 2018

वतन पर जान लुटाने वाले औरंगजेब के आखिरी 75 सेकंड, वीडियो में दर्ज एक-एक शब्द उसकी देशभक्ति की गवाही दे रहे हैं PMO India ADGPI - Indian Army

श्रीनगर.ईद मनाने घर जा रहे आर्मी जवान औरंगजेब को आतंकियों ने किडनैप कर उनकी हत्या कर दी। ईद से पहले ही भारत माता के इस लाल का शव तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा था। इसी बीच, आतंकियों ने शहीद औरंगजेब की हत्या करने से पहले वीडियो बनाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में औरंगजेब को एक पेड़ से बांधा हुआ है और आतंकी उसे घेरे हुए हैं। वह बंदूक की दम पर उसके खानदान, नौकरी और मेजर शुक्ला के बारे में जानकारी निकलवा रहे हैं। नहीं था कोई खौफ...

- आतंकियों से घिरे जवान औरंगजेब बेखौफ नजर आ रहे थे। जब आतंकियों ने अपने साथियों को नाम लेकर उनके एनकाउंटर के बारे में पूछा तो उन्होंने बिना डरे कहा - "हां, इन एनकाउंटर में मैं शामिल था।"
- आतंकियों ने पूछा कि क्या तुम मेजर शुक्ला के गार्ड हो? तो उन्होंने बताया, "हां, मैं उनका गार्ड हूं और शुक्ला के साथ हर ऑपरेशन में साथ रहता हूं।"
गीदड़ों की तरह किया वार...
- भारतीय सेना के जवान औरंगजेब आतंकियों के लिए यमराज बन चुके थे और लंबे वक्त से आतंकियों की आंखों में खटक रहे थे।
- औरंगजेब को मारने के लिए आतंकियों गीदड़ों की तरह छुपकर वार किया। आम दिनों में उन पर हमला करना संभव नहीं था तो भारत मां के इस शेर का शिकार करने के लिए आतंकियों ने वो वक्त चुना जब वो अकेले थे।
- आतंकियों ने अपनी कायरता दिखाते हुए ईद मनाने घर जा रहे औरंगजेब को अकेला पाकर पहले उन्हें किडनैप किया और फिर गोलियों से उनका शरीर छलनी कर दिया।
- हिजबुल आतंकी समीर टाइगर के एनकाउंटर के बाद से ही आतंकी तिलमिलाए हुए हैं। शहीद औरंगजेब समीर टाइगर के एनकाउंटर में शामिल थे।
शादीमर्ग में तैनात थे औरंगजेब
- 4 जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के जवान औरंगजेब 44 राष्ट्रीय राइफल के साथ शोपियां के शादीमर्ग में तैनात थे। राजौरी जिले के मेंढर निवासी औरंगजेब ईद मनाने के लिए सुबह 9 बजे घर के लिए निकले थे। शादीमर्ग कैंप के बाहर साथियों ने उन्हें एक प्राइवेट कार में बैठाया। कुछ दूर आगे कलमपोरा पहुंचते ही चार-पांच आतंकियों ने किडनैप कर लिया।
- ड्राइवर से सूचना मिलते ही बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। देर शाम पुलवामा जिले में गोलियों से छलनी शव मिला।
- औरंगजेब मेजर शुक्ला के साथ तैनात थे। मेजर शुक्ला ने पिछले महीने आतंकी समीर टाइगर को मुठभेड़ में मार गिराया था।
ईद के बाद खत्म हो सकता है संघर्षविराम
- केंद्र सरकार के सूत्रों ने संकेत दिए कि ईद के बाद कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ एकतरफा संघर्ष विराम खत्म हो जाएगा। संघर्ष विराम के दौरान आतंकी हमलों में 3 गुना इजाफा हुआ है। इस मुद्दे पर गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक बुलाई थी। हालांकि, अभी इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
- रमजान के शुरुआती 27 दिन में आतंकी हमले तीन गुना बढ़ गए। इन 27 दिनों में 58 आतंकी हमले हुए, जबकि रमजान का महीना शुरू होने से पहले के 27 दिनों में 18 हमले हुए थे।
छुट्‌टी पर आए जवानों को पहले भी निशाना बना चुके हैं आतंकी
- आतंकी पहले भी छुट्‌टी पर आने वाले जवानों को निशाना बना चुके हैं। मई 2017 में सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों ने अगवा करने के बाद हत्या कर दी थी। 22 साल के उमर शोपियां में अपने कजन की शादी समारोह में भाग लेने आए थे।
- 2017 में शोपियां के ही टेरिटोरियल आर्मी जवान इरफान अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें भी घर से ही अगवा किया गया था।





Monday, 11 June 2018

भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में देश का सबसे वजनी 3700 किलो का महाघंटा लगेगा

भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में देश का सबसे वजनी 3700 किलो का महाघंटा लगेगा। यह अहमदाबार में तैयार हो रहा है। इसी साल सितंबर में इसे मंदिर में लगा दिया जाएगा। पीतल, तांबा, टिन, सोना और चांदी से बन रहे महाघंटे की लागत 40 लाख रुपए आएगी। अभी सबसे वजनी 1935 किलो का घंटा दतिया के माता मंदिर में लगा है।


पशुपतिनाथ मंदिर के मास्टर प्लान में इसे भी शामिल किया है। सितंबर तक महाघंटे को स्थापित किया जाएगा। इसके लिए श्रीकृष्ण कामधेनु सामाजिक धार्मिक न्यास ने गांव-गांव से धातु व दान राशि एकत्र करने का अभियान शुरू किया था जिसे लोगों को अच्छा सहयोग मिला।
2015 में शुरू हुई थी अभियान की शुरुआत
संस्था ने 2015 में पशुपतिनाथ मंदिर में महाघंटा अभियान की शुरुआत की थी। शुरू में महाघंटे का वजन 1650 किलो रखना तय किया। संस्था के सदस्यों को दतिया के माताजी के मंदिर में 1935 किलो वजनी का घंटा होने की जानकारी मिली तो मंदसौर में लगाए जाने वाले महाघंटे को 2100 किलो का बनाने का लक्ष्य तय किया। इसके आधार पर संस्था सदस्यों ने जिले के गांव-गांव, मोहल्लों में पीतल दान यात्रा निकाली जिसमें लोगों से धातु व नकद राशि के रूप में सहयोग लिया। करीब 68 गांवों मेंे 138 यात्राएं निकालीं।
उम्मीद से ज्यादा सहयोग मिला तो संस्था सदस्यों ने महाघंटे को 2500 किलो का बनाने का निर्णय लिया। कामधेनु संस्था ने महाघंटा निर्माण के लिए अहमदाबाद के राजराजवी मेटल प्रालि को काम सौंपा। यहां महाघंटे के लिए तैयार किए गए विशेष सांचे में गेज ज्यादा हो जाने पर महाघंटे का वजन 3700 किलो हो गया। इससे यह देश का सबसे वजनी महाघंटा बन गया। संस्था सदस्यों के अनुसार इतना वजनी महाघंटा देश में कहीं नहीं लगा है।
35 किलो बॉल्वबाडी दान की
संस्था सदस्यों ने शहर सहित जिले के हर गांव में पीतल दान यात्रा निकाली। जिससे जिले के हर व्यक्ति का सहयोग महाघंटा अभियान में रहे। संस्था को इस कार्य के लिए कई उद्योगपतियों ने लाखों रुपए, 109 किलो तक धातु का सहयोग भी दिया। नगरी ग्राम के प्रमोद ने जो सहयोग किया वह भुलाया नहीं जा सकता। प्रमोद नगरी में वाहनों के पंक्चर बनाते हैं। वे रुपए के लिए करीब चार-पांच सालों से वाहनों के ट्यूब खराब होने पर उनकी बॉल्वबाडी एकत्र कर रहे थे। प्रमोद ने सोचा था कि पीतल की बॉल्वबाडी को बेचकर एक साथ मोटी राशि लूंगा। जब गांव में पीतल दान यात्रा पहुंची तो प्रमोद ने बिना कुछ सोचे महाघंटा के लिए संस्था सदस्यों को सालों में एकत्र की गई 35 किलो बॉल्वबाडी दान कर दी।
इस तरह चली महाघंटा यात्रा
- 2015 अगस्त में पहली यात्रा
- 68 गांव मेें घूमे, 138 यात्रा निकाली
44 क्विंटल 50 किलो पीतल मिला दान में
- 15 लाख 32 हजार रुपए नकद मिले
- 40 लाख कुल लागत आएगी
- 20 लाख बनाने में खर्च होंगे
- 6 फीट 2 इंच महाघंटे की ऊंचाई

Sunday, 10 June 2018

पेट्रोल-डीजल: कीमतों में 13वें दिन भी गिरावट जारी, जानिए आज अपने शहर का हाल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट 13वें दिन भी जारी रही। देशभर में आज लगातार 13वें दिन पेट्रोल डीजल सस्ता हुआ है। अगर दिल्ली की बात करें तो राजधानी में आज पेट्रोल बीते दिन के मुकाबले 20 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है। वहीं डीजल की कीमतों में भी गिरावट जारी है। 29 मई 2018 को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.43 रुपये थी और इसी दिन से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ था। वहीं 11 जून 2018 को दिल्ली में अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.58 रुपये हो गई है। राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में डीजल काभी कुछ ऐसा ही हाल है।

गौरतलब है कि सरकार यह लगातार कह रही है कि वो पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए एक दीर्घकालिक समाधान तलाश रही है। वहीं कुछ हलकों में यह मांग भी तेज हो रही है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
प्रमुख शहरों में पेट्रोल का हाल: आज जिन शहरों में पेट्रोल महंगा है उनमें भोपाल, पटना, जलंधर, हैदराबाद, श्रीनगर और त्रिवेंद्रम शामिल हैं। भोपाल में 82.18 रुपये प्रति लीटर,पटना में 82.06 रुपये प्रति लीटर, जलंधर में 81.79 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद में 81.12 रुपये प्रति लीटर, श्रीनगर 81.00 रुपये प्रति लीटर और त्रिवेंद्रम में में 79.69 रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा गंगटोक में पेट्रोल 79.60 रुपये प्रति लीटर, जयपुर में 79.33 रुपये प्रति लीटर, जम्मू में 78.30 रुपये प्रति लीटर, बैंगलोर में 77.82 रुपये प्रति लीटर, देहरादून में 77.88 रुपये प्रति लीटर,रायपुर में 76.98 रुपये और लखनऊ में 77.36 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है।

प्रमुख मेट्रो शहरों में पेट्रोल के भाव: राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.58 रुपये हैयहां अब तक 13 दिनों में एक लीटर पेट्रोल 1 रुपये 85 पैसे तक सस्ता हो चुका है। वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई में आज एक लीटर पेट्रोल के दाम 84.41 रुपये हैं।

अगले 72 घंटे 17 राज्यों पर पड़ेंगे भारी, आंधी-तूफान सहित भारी बारिश की चेतावनी

अगले 72 घंटे 17 राज्यों पर पड़ेंगे भारी, आंधी-तूफान सहित भारी बारिश की चेतावनी




अगले 72 घंटों में देशभर के 16 राज्यों में हैवी से हैवी रेन यानी भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इन राज्यों में कुछ इलाकों में रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं, ज्यादातर इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। इन 72 घंटों के दौरान दिल्ली, चंडीगढ़, यूपी सहित देश के कई इलाकों में धूलभरी तेज आंधी के साथ बिजली कड़कने की भी चेतावनी है। फिलहाल मौसम विभाग ने कोस्टल इलाकों में रहने वालों को बारिश के दौरान सतर्क रहने और बाहर न निकलने की सलाह दी है। 


अगले 24 घंटे इन राज्यों के लिए भारी
अगले 24 घंटों की बात करें तो दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी, पूर्वी राजस्थान, मध्‍य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, वेस्ट बंगाल, सिक्किम, ओडीशा, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के इलाकों में तेज आंधी-तूफान के साथ बिजली कड़कने की चेतावनी है। बता दें कि पिछले 2 दिनों में तूफान और बिजली गिरने से भारी नुकसान हुआ है, कई लोगों की डेथ भी हुई है। मई से अब तक खराब मौसम से हादसों में देशभर में 400 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। सबसे ज्यादा मौतें तूफान और बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान में हुईं।
वहीं, अगले 24 घंटों में कर्नाटक के समुद्री इलाकों, गोवा, साउथ कोंकेड़, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, महाराष्‍ट्र, केरल, तमिलनाड़, पुड्डुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 

11 जून को कहां भारी बारिश, कहां तूफान का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार 11 जून को देश के 11 राज्यों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट है। इनमें कर्नाटक के कोस्टल इलाके, गोवा, कोंकड़, ओडीशा, केरल, आसाम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मीजोरम और मेघालय शामिल हैं। इस दौरान समुद्र से सटे इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। समुद्री इलाकों के पास जाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है। 
वहीं, 11 जून को यूपी, बिहार और झारखंड में तेज धूल भरी आंधी चलने के साथ ही बिजली कड़कने का अनुमान है। 11 जून को पश्चिमी राजस्थान में गर्म हवाएं चलती रहेंगी। 

12 जून को कहां भारी बारिश, कहां तूफान का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार 12 जून को हैवी से हैवी रेन अनुमानित इलाकों में वेस्ट बंगाल, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ भी शामिल हो जाएंगे। इन राज्यों के अलावा कर्नाटक के कोस्टल इलाके, गोवा, कोंकड़, ओडीशा, केरल, आसाम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मीजोरम और मेघालय में 12 जून को भी भारी बारिश होगी।
वहीं, 11 जून को भी यूपी और बिहार में तेज धूल भरी आंधी चलने के साथ ही बिजली कड़कने का अनुमान है। 11 जून को पश्चिमी राजस्थान में गर्म हवाएं चलती रहेंगी। 

13 जून को कहां भारी बारिश, कहां तूफान का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार 13 जून को कर्नाटक, गोवा, कोंकड़, अरुणांचल प्रदेश, ओडीशा, केरल, आसाम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मीजोरम और मेघालय में भारी बारिश की चेतावनी है। 
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आज शिमला है, तो कल आपका शहर भी पानी को तरसेगा! संभल जाओ अब भी वक्‍त है




नई दिल्‍ली। शिमला में पानी की किल्लत सिर्फ एक बानगी है उस भयावह तस्वीर की, जिसे अगले कुछ वर्षों या दशकों में हमारी पीढ़ियां देखने और झेलने को अभिशप्त होंगी। देश के कई शहर जीरो डे की कगार पर हैं। मुख्यत: भूजल पर आश्रित इन शहरों में भूजल स्तर अभी से पाताल छूने लगा है। प्रभावी कदम नहीं उठे तो दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन और हमारे शिमला की सूची में दिल्ली, बेंगलुरु सहित दर्जनों शहर शामिल हो जाएंगे। इन शहरों ने अपने भूजल का जमकर दोहन किया। धरती की कोख भरने के कोई उपक्रम ही नहीं किए गए। शहरों में बढ़ते कंक्रीटीकरण ने धरती की कोख में होने वाली जल भरण की स्वत: स्फूर्त प्रक्रिया को बंद कर दिया। रही-सही कसर जोहड़ो, ताल, तलैयों और पोखरों के खात्मे ने पूरी कर दी। समस्या गंभीर हो चली है। पानी के लिए रतजगा करना पड़ रहा है।
ऐसे काम नहीं चलेगाऐसे काम नहीं चलेगा, अगर गला तर करना है तो धरती की खाली हुई कोख में पानी उड़ेलना ही होगा। जल संरक्षण दैनिक जागरण के सात सरोकारों में से एक है। लिहाजा वह इस अनमोल प्राकृतिक संसाधन को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए हमेशा से राज-काज और समाज को जागरूक करता आ रहा है। इसी क्रम में 10 जून यानी आज से एक महीना लगातार चलने वाला जलदान अभियान का आगाज हो रहा है। इसके तहत लोगों और सरकारों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि धरती से जितना पानी हम लेते हैं उतना ही बारिश का पानी धरती की कोख में पहुंचाना होगा। इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने से लेकर ताल-तलैयों जैसे जलस्रोतों को बचाने का उपक्रम किया जाएगा

करें जलदान बने वरदान
मानसून के दौरान चार महीने होने वाली बारिश का पानी ताल-तलैयों जैसे जलस्रोतों में जमा होता है। इससे भूजल स्तर दुरुस्त रहता है। जमीन की नमी बरकरार रहती है। धरती के बढ़ते तापमान पर नियंत्रण रहता है। तालाब स्थानीय समाज का सामाजिक, सांस्कृतिक केंद्र होते हैं। लोगों के जुटान से सामुदायिकता पुष्पित-पल्लवित होती है। लोगों के रोजगार के भी ये बड़े स्नोत होते हैं।
कहां गए जीवनदातातब: 1947 में देश में कुल चौबीस लाख तालाब थे। तब देश की आबादी आज की आबादी की चौथाई थी। अब: वैसे तो देश में तालाब जैसे प्राकृतिक जल स्नोतों का कोई समग्र आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन 2000-01 की गिनती के अनुसार देश में तालाबों, बावड़ियों और पोखरों की संख्या 5.5 लाख थी। हालांकि इसमें से 15 फीसद बेकार पड़े थे, लेकिन 4 लाख 70 हजार जलाशयों का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में हो रहा था।

https://youtu.be/