Friday, 29 September 2017

थाईलैंड में 'राम' की लीला, विदेश में देसी संस्कृति का जलवा

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के हवाई अड्डे पर उतरते हैं ही आपको उसका नाम सुनकर अच्छा लगता है। नाम है स्वर्णभूमि एयरपोर्ट। एयरपोर्ट से आप बैंकॉक शहर की तरफ बढ़ते हैं, तब आपको राम स्ट्रीट और अशोक स्ट्रीट जैसे साइनबोर्ड दिखाई देने लगते हैं। इन सबको देखकर लगता है कि आप अपने ही देश में हैं। हिंदू धर्म का थाईलैंड के राज परिवार पर सदियों से गहरा प्रभाव रहा है। माना यह जाता है कि थाईलैंड के राजा भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसी भावना का सम्मान करते हुए थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है।
थाईलैंड में राजा को राम कहा जाता है। राज परिवार अयोध्या नामक शहर में रहता है। ये स्थान बैंकॉक से कोई 50-60 किलोमीटर दूर होगा। यहां पर बौद्ध मंदिरों की भी भरमार है जिनमें भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां स्थापित हैं। क्या ये कम हैरानी की बात है कि बौद्ध होने के बावजूद थाईलैंड के लोग अपने राजा को राम का वंशज होने के चलते विष्णु का अवतार मानते हैं। इसलिए थाईलैंड में एक तरह से राम राज्य है। वहां के राजा को भगवान राम का वंशज माना जाता है। थाईलैंड में 94 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्मावलंबी है। फिर भी इधर का राष्ट्रीय चिन्ह गरुड़ है। हिंदू पौराणिक कथाओं में गरुड़ को विष्णु की सवारी माना गया है। गरुड़ के लिए कहा जाता है कि वह आधा पक्षी और आधा पुरुष है। उसका शरीर इंसान की तरह का है, पर चेहरा पक्षी से मिलता है। उसके पंख हैं।
अब प्रश्न उठता है कि जिस देश का सरकारी धर्म बौद्ध हो वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों है? इसका उत्तर ये है कि चूंकि थाईलैंड मूल रूप से हिंदू धर्म था, इसलिए उसे इस में कोई विरोधाभास नजर नजर नहीं आता कि वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक राष्ट्रीय चिन्ह हो। एक सामान्य थाई गर्व से कहता है कि उसके पूर्वज हिंदू थे और उसके लिए हिंदू धर्म भी आदरणीय है। आपको थाईलैंड एक के बाद एक आश्चर्य देता है। वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। वैसे थाईलैंड में थेरावाद बौद्ध के मानने वाले बहुमत में हैं, फिर भी वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। जिसे थाई भाषा में ‘राम-कियेन’ कहते हैं, जिसका अर्थ राम-कीर्ति होता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के सबसे बड़े और भव्य हॉल का नाम ‘रामायण हॉल’ है। यह दिल्ली के विज्ञान भवन से दोगुना बड़ा होगा। यहां पर राम कियेन पर आधारित नृत्य नाटक और कठपुतलियों का प्रदर्शन प्रतिदिन होता है। राम कियेन के मुख्य पात्रों में राम (राम), लक (लक्ष्मण), पाली (बाली), सुक्रीप (सुग्रीव), ओन्कोट (अंगद), खोम्पून ( जाम्बवन्त), बिपेक ( विभीषण), रावण, जटायु आदि हैं। क्या भारत के किसी शहर में राम के जीवन पर प्रतिदिन नृत्य नाटिका होती है, जिसे रोज औसत दो हजार लोग देखने के लिए आते हैं? यहां तक कि महानगरों में रामलीलाएं भी अब पहले से कम होने लगी हैं। इस नाटिका के मंचन के दौरान हॉल में वातावरण पूरी तरह से राममय हो जाता है।
नवरात्र पर बैंकॉक के सिलोम रोड पर स्थित श्री नारायण मंदिर थाईलैंड के हिंदुओं का केंद्र बन जाता है। यहां के सभी हिंदू इधर कम से एक बार जरूर आते हैं पूजा या फिर सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए। इस दौरान भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान जारी रहते हैं। दिन-रात प्रसाद और भोजन की व्यवस्था रहती है। इस दौरान दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती जी की एक दिन सवारी भी मुख्य मार्गो से निकलती है। इसमें भगवान गणपति, कृष्ण, सुब्रमण्यम और दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी सजाकर किसी वाहन में रखा गया होता है। इस आयोजन में हजारों बौद्ध भी भाग लेते हैं। ये सवारी अपना तीन किलोमीटर का रास्ता सात घंटे में पूरा करती है। इसमें संगीत और नृत्य टोलियां भी रहती हैं।
निश्चित रूप से भारत से बाहर अगर हिंदू प्रतीकों और संस्कृति को देखना-समझना है तो थाईलैंड से उपयुक्त देश कोई नहीं हो सकता। दक्षिण पूर्व एशिया के इस देश में हिंदू देवी-देवताओं और प्रतीकों को आप चप्पे-चप्पे पर देखते हैं। यूं थाईलैंड बौद्ध देश हैं। पर राम भी अराध्य हैं। राजधानी बैंकॉक से सटा है अयोध्या शहर। मान्यता है कि यही थी भगवान श्रीराम की राजधानी। थाईलैंड के बौद्ध मंदिरों में आपको ब्रह्मा,विष्णु और महेश की मूर्तियां और चित्र मिल जाएंगे। इन सभी देवी-देवताओं के अलग से मंदिर भी हैं। इनमें रोज बड़ी संख्या में हिंदू और बौद्ध पूजा अर्चना के लिए आते हैं। यानी थाईलैंड बौद्ध और हिंदू धर्म का सुंदर मिश्रण पेश करता है। कहीं कोई कटुता या वैमनस्थ का भाव नहीं है।
बैंकॉक स्थित शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर विष्णु मंदिर वगैरह का निर्माण हिन्दुओं के साथ-साथ यहां के बौद्धों ने भी करवाया है। ये वास्तव में कमाल है। जहां तक हिंदू मंदिरों की बात है तो इन्हें यहां पर दशकों से बस गए भारत वंशियों ने बनवाया है। कुछ मंदिर निजी प्रयासों से भी बने हैं। थाईलैंड में तमिल और उत्तर भारत के भारतवंशी हैं। इसलिए मंदिर पर दक्षिण और उत्तर भारत के मंदिरों की तरह से बने हुए हैं। बैंकॉक के प्रमुख रथचेप्रयोंग चौराहे पर ब्रह्मा जी के मंदिर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां देखने लायक हैं। इनमें हिंदुओं साथ-साथ बौद्ध भी आ रहे हैं। कहीं कोई भेदभाव नहीं है। गौरतलब यह है कि कई बौद्ध मंदिरों में हिंदू देवी-देवताओं के चित्र और मूर्तियां हैं। ये सब देखकर लगता है कि हिंदू और बौद्ध सहअस्तित्व में विश्वास करते है। ये सहनशील है। पृथक धर्म होने पर भी एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट है।
बौद्ध अनुयायी थाईलैंड लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। थाईलैंड में प्रति वर्ष 80 लाख पर्यटक पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकतर भगवान बुद्ध से जुड़े मंदिरों के दर्शन करने के लिए वहां पर जाते हैं। क्या भारत में इतनी संख्या में पर्यटक बौद्ध से संबंधित तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हैं? नहीं। भारत में मुश्किल से 10 लाख पर्यटक भी बौद्ध सर्किट नहीं पहुंचते। यूं तो भारत की चाहत है कि दुनियाभर में फैले 50 करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायियों को भारत लाया जाए। बौद्ध अनुयायियों का गौतम बुद्ध की जन्मस्थली भारत को लेकर आकर्षण स्वाभाविक है।


Wednesday, 27 September 2017

Dashanan Temple, Kanpur (Uttar Pradesh)


The 125-year-old Dashanan Mandir in Shivala area of Kanpur was reportedly constructed in 1890 by King Guru Prasad Shukl. The temple opens its door for devotees annually on Dussehra. "A day when most of the people burn effigies of Ravana, we worship the demon king. Dashanan temple was constructed in around 1890 by Maharaj Guru Prasad Shukl. It opens its doors for devotees once in a year on Dussehra," organiser of the temple functions, K K Tiwari said. Tiwari said the motive behind the construction of temple was that Ravana was a learned scholar and the biggest devotee of Lord Shiva. The temple was constructed in the premises of Lord Shiva temple in Shivala area of the district. On the occasion of Dussehra, he said the idol of 'Dashanan' (Ravana - or the one with ten heads) was decorated following 'aarti' by the devotees. He said people light earthen lamps and perform religious rituals to celebrate the festival at the temple. Around 15,000 devotees are expected to throng the temple today, Tiwari said.

Monday, 25 September 2017

Honeypreet फरार नहीं है, वह दिल्ली में है, वकील का कहना है

Honeypreet फरार नहीं है, वह दिल्ली में है, वकील का कहना है
Honeypreet Insan Moves Delhi High Court For Anticipatory Bail
डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम की कथित बेटी हनीप्रीत ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है. अग्रिम जमानत याचिका हनीप्रीत तनेजा के नाम से लगाई गई है. कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर सकता है. बता दें कि कोर्ट मंगलवार और बुधवार के बाद बंद है.  
अगर कोर्ट हनीप्रीत की याचिका को स्वीकार करता है तो मुमकिन है कि उसे कुछ दिन की ट्रांजिट बेल दिल्ली हाईकोर्ट से मिल जाए और फिर हाईकोर्ट याचिका को पंजाब हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दे. हालांकि ये भी मुमकिन है कि कोर्ट हनीप्रीत को पहले पुलिस के सामने सरेंडर करने को कहे और फिर रेगुलर बेल लगाने को कहे.


इस पंजाबी एक्ट्रेस ने इन दिनों अपनी तस्वीरों से उड़ाए है सबके होश

आज हम आपके लिए पंजाबी एक्ट्रेस और मॉडल Gurleen Chopra की तस्वीरें लेकर आए है। आपको बता दें की Gurleen Chopra काफी हॉट और बोल्ड अभिनेत्री मानी जाती है इन्होने कई हिंदी, तमिल, मराठी, कन्नड़, पंजाबी और भोजपुरी मूवीज में काम किया है।

इन्होने अपने करियर की शुरुआत हिंदी मूवी इंडियन बाबू से की थी, उसके बाद इन्होने कई हिट मूवीज में काम किया जो अलग अलग भाषा की रहीं है। इंस्टाग्राम पर इनके नाम का एक अकाउंट बना हुआ है जिस पर इनकी कई हॉट तस्वीरें अपलोड है। आपको बता दें की इंस्टाग्राम के उस अकाउंट पर 7,874 followers है। 





अभी हाल फिलहाल में भी उन्होंने सोशल साइट्स पर कई तस्वीरें अपलोड की है जो बहुत ही शानदार और आकर्षक है।

Sunday, 24 September 2017

जानें कौन है राहुल गांधी के साथ दिख रही यह महिला

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी अपने अमेरिकी दौरे के बाद से लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं। कभी गांधी और नेहरू को एनआरआई कहने पर तो कभी सोशल मीडिया पर किसी गोरी मेम के साथ तस्‍वीर को लेकर। ऐसे में हम आप को उस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी फोटो राहुल गांधी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
अमेरिका में स्‍पीच के दौरान राहुल से मिली नतालिया
राहुल गांधी इन दिनो अमेरिकी दौरे पर हैं। यूएस के बर्कले में हुई एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान भारतीय राजनीति में हो रहे वंशवाद पर बयान दिया था। इसके बाद वो अचानक से सुर्खियों में आगए थे। नतालिया ने राहुल गांधी से मिलने के बाद अपने सोशल मीडिया पेज पर अपनी फोटो शेयर की थी जिसमें वो राहुल गांधी के साथ नजर आ रही हैं। रिपोर्टस की मानें तो राहुल गांधी की स्‍पीच के दौरान नतालिया वहां मौजूद थीं। 

नतालिया ने सुनी राहुल की स्‍पीच
नतालिया ने राहुल के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए लिखा पिछली रात सुवक्ता और व्‍यवहारिक राहुल गांधी के साथ। उन्‍होंने लिखा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए और अच्छी सोच वाले लोगों से मिलकर मुझे बेहद खुशी हुई। वो लिखती हैं कि खुले दिमाग और खुले दिल के साथ ही हम इस दुनिया को बेहतर जगह बना सकते हैं। मेरा दिमाग खोलने के लिए शुक्रिया। वैसे ये पहली बार नहीं है जब किसी लड़की के साथ राहुल की फोटो वायरल हुई हो।

जानें कौन हैं नता‍लिया
राहुल गांधी के साथ फोटो खिचवाते हुए जो लड़की खड़ी है उसका पूरा नाम नतालिया नोरा रामोस कोहेन है। नतालिया पेशे से स्‍पेनिश-ऑस्ट्रेलियन अभिनेत्री हैं। वो 25 साल की हैं। उनका जन्म स्पेन के मैड्रिड शहर में 1992 में हुआ था। नतालिया की मां ऑस्‍ट्रेलिया से है और पिता स्‍पेनिश पॉप सिंगर जुआन कार्लोस रामोस वकेरो हैं। उन्‍हें इवान के नाम से जाना जाता है। दो साल की उम्र वो ऑस्‍ट्रलिया पहुंची और वहां से मियामी। वहीं उनकी परवर‍िश हुई है। 2016 में ही नतालिया को अमेरिका की सिटिजनशिप मिली है।

Friday, 22 September 2017

दुर्गापूजा के दौरान करना है ट्रेन से सफर, तो पहले पढ़ लें यह खबर

पटना [जेएनएन]। ट्रेन से सफर के दौरान खाने-पीने की लगातार मिल रही शिकायत को लेकर रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक आदेश जारी कर कहा है कि अब कैटरिंग सेवा में लगे सभी सप्लायर या कांट्रेक्टर को खाने की पैकिंग पर सभी तरह की जानकारी देनी होंगी।

रेल मंत्री के इस अोदश के बाद दुर्गा पूजा के दौरान सफर करने वाले लाखों यात्रियों की परेशानी काफी कम हुई है। सफर के दौरान खाने-पीने में उन्‍हें परेशानी नहीं होगी। 

मनमानी पर लगेगी रोक
रेल सफर के दौरान यात्री खाने की क्वालिटी के साथ-साथ मूल्य से ज्यादा वसूली की शिकायत करते हैं। इसके साथ यह शिकायत भी मिलती रही है कि ज्यादातर राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों के कैटरिंग स्टाफ यात्रियों से बख्शीश मांगते हैं। कई बार इस वजह से यात्रियों से दुव्र्यवहार की भी शिकायतें मिलती हैं।  रेले मंत्री के आदेश के बाद अब कैटरिंग स्टाफ की मनमानी पर अंकुश लगेगा।  
 खाने की पैकिंग पर होगी ये जानकारी
- सप्लायर या कांट्रेक्टर का नाम 
- खानपान की वस्तु का वजन 
- पैकिंग की तिथि
- वेज या नॉन वेज 

Thursday, 21 September 2017

PAK में है दाऊद, फोन टैपिंग के डर से रिश्तेदारों से बात नहीं करता: भाई ने बताया

ठाणे पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि कासकर ने पूछताछ में बताया कि दाऊद पाकिस्तान अपने ठिकाने बदलते रहता है।मुंबई.अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है और अलग-अलग शहरों में उसके चार से पांच घर हैं। यह खुलासा दाऊद के भाई इकबाल कासकर ने पुलिस को दिए बयान में किया। कासकर को पिछले दिनों ठाणे पुलिस ने जबरन वसूली के आरोप में अरेस्ट किया था। ठाणे पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि कासकर ने पूछताछ में बताया कि दाऊद पाकिस्तान अपने ठिकाने बदलते रहता है। बता दें कि गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने दावा किया है कि 1993 बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट केस का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम खुद भारत आना चाहता है। बीजेपी के लोग उसके कॉन्टैक्ट में हैं।फोन टैपिंग के डर से दाऊद रिश्तेदारों से बात करने से कतराता है ...

कासकर ने और क्या खुलासे किए

- कासकर ने पूछताछ में बताया - "फोन टैपिंग के डर से दाऊद इंडिया में रह रहे अपने रिश्तेदारों से बात करने में कतराता है। मैं साल 2003 में दुबई में किसी जगह पर दाऊद से मिला था।"
- इकबाल ने अपने एक और भाई अनीस अहमद से संपर्क में होने की बात को स्वीकार किया है। अनीस ही दाऊद का पूरा कारोबार देखता है। वह भी दाऊद के साथ पाकिस्तान में रहता है।
- इकबाल के मुताबिक, ईद के दिन अनीस ने उसे इंटरनेशनल नंबर से कॉल किया था।
कासकर से क्या सवाल पूछे गए?
- इकबाल से पूछा गया है कि, वह अपने भाई दाऊद से दिन में कितनी बार बात करता ह?, दाऊद और उसके बीच की कड़ी कौन है? और उनके आपस में संपर्क कैसे होता है?
- इतना ही नहीं जांच एजेंसी डी कंपनी के हवाला नेटवर्क को खंगालने में भी जुटी है। वो इस एंगल से भी इकबाल कासकर से पूछताछ कर रही हैं।
जांच में सहयोग नहीं कर रहा इकबाल
- सूत्रों के मुताबिक, इकबाल कासकर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वो बार-बार ये बहाना बना रहा है कि उसकी यादाश्त कमजोर है और उसे हाई ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत है।
- इस बीच इकबाल कासकर और उसके साथ गिरफ्तार दोनों आरोपियों के खिलाफ एक और एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज हो गया है। पीड़ित ठाणे का ही जौहरी है जिससे इकबाल और उसके साथियों ने लाखों की वसूली के अलावा गोल्ड भी वसूला था।
- इकबाल पर पिछले तीन साल के दौरान ठाणे के एक बिल्डर और ज्वेलर से 100 करोड़ रुपए वसूलने का आरोप है। हालांकि, कासकर इन आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है। वह किसी भी एक्सटॉरशन रैकेट में शामिल होने की बात से इनकार कर रहा है।
पहले भी गिरफ्तार हो चुका है इकबाल
- इकबाल को 3 फरवरी 2015 को भी मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब उस पर मो. सलीम शेख नाम के रियल एस्टेट एजेंट ने तीन लाख रुपए मांगने और पिटाई करने का आरोप लगाया था। इकबाल को 2003 में दुबई से प्रत्यर्पण (Extradition) करके लाया गया था। आने के बाद उस पर सारा सहारा मामले में केस चला, लेकिन सबूत की कमी की वजह से वह बरी हो गया था।

kuldeep yadav hattrick

कोलकाता
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे वनडे मैच में चाइनामैन लेग स्पिनर कुलदीप यादव ने हैट-ट्रिक ले ली है। कुलदीप ऑस्ट्रेलियाई पारी का 33वां ओवर फेंक रहे थे। इसमें उन्होंने लगातार 3 बॉल में 3 विकेट लेकर अपने वनडे करियर की पहली हैट-ट्रिक अपने नाम की। कुलदीप यादव वनडे क्रिकेट में हैट-ट्रिक लेने वाले भारत के तीसरे बोलर बन गए हैं। कुलदीप से पहले चेतन शर्मा और कपिल देव ने यह कारनामा किया था।








कुलदीप ने 33वें ओवर की शुरुआत की तो, स्टोइनिस ने सिंगल लेकर विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वैड को स्ट्राइक दी। ओवर की दूसरी ही गेंद पर कुलदीप ने वैड को बोल्ड कर दिया। वैड 2 रन बनाकर पविलियन लौटे। वैड के आउट होने के बाद एस्टन एगर क्रीज पर आए। कुलदीप ने अपनी तीसरी गेंद एगर (0) LBW आउट कर दिया। अब अगली गेंद कुलदीप की हैट-ट्रिक बॉल थी और अब पैट कमिंस क्रीज पर मौजूद थे। कुलदीप ने यह बॉल ऑफ स्टंप के बाहर फेंकी, जिस पर कमिंस गलती कर गए।


कुलदीप की यह बॉल कमिंस के बैट का बाहरी किनारा चूमती हुई विकेटकीपर धोनी के ग्लब्स में समा गई। धोनी मारे खुशी के उछल पड़े और कुलदीप ने भी हवा में छलांग लगा दी। दोनों इतने खिलाड़ी इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने अंपायर के निर्णय का इंतजार भी नहीं किया और पूरी टीम इंडिया कुलदीप की इस हैट-ट्रिक का जश्न मनाने लगी। अंपायर भी उंगली खड़ी कर कमिंस को आउट करार दे चुके थे और टीम इंडिया के साथी खिलाड़ी कुलदीप को इस उपलब्धि के लिए बधाई देने लगे।

इससे पहले वनडे इतिहास में भारत की ओर से चेतन शर्मा ने 1987 में और कपिल देव ने 1991 में यह कारनामा किया था।इस तरह 26 साल बाद भारत की ओर से कुलदीप यादव ने हैट-ट्रिक जमाने का कारनामा किया।

Wednesday, 20 September 2017

रेयान मर्डर केस की खुल गई पोल, कंडक्टर नही ये स्कूल टीचर है दोषी..वीडियों में जाने सच

8 सितम्बर को रेयान स्कूल में हुए सात साल के मासूम प्रद्युमन की बेरहम मौत ने पूरे देश को झकझोंर कर रख दिया… जिसने सुना उसका कलेजा तड़प गया और दिल से बस यही आवाज आई कि मासूम का हत्यारा मिल जाए और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। स्कूल बस कंडक्टर के रूप में कथित हत्यारा मिल भी गया और  उम्मीद जगी कि प्रद्युमन को न्याय मिल सकेगा पर ये उम्मीद ज्यादे देर तक टिक न सकी .. कुछ देर में  अटकलों, आशंकाओं का नया दौर शुरू हो गया.. परिजनों की आशंकाओं से स्कूल प्रशासन पर हत्या की सुई घुमी..साथ ही बाहरी लोगों के शामिल होने की बात का खुलासा भी हुआ …लेकिन असली गुनाहगार अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर नजर आ रहा है।अब जबकि मामला कोर्ट में पहुँच चुका है सबके लिए ये जानना अहम हो गया है कि आखिर असली गुनाहगार कौन है.
https://youtu.be/JXIw0btkxOo
8 सितंबर की सुबह रायन इंटरनैशनल स्कूल में स्टूडेंट के मर्डर केस में आए दिन नए बयान सामने आ रहे हैं। पुलिस ने मीडिया को कुछ बताया जबकि कंडक्टर, माली, ड्राइवर सहित अन्य स्टाफ के बयान कुछ और ही थे। इससे हत्या की गुत्थी उलझती चली गई। छात्र के पैरंट्स पुलिस की थिअरी को दरकिनार कर सीबीआई केस की मांग कर चुके हैं।


पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल

पुलिस ने चाहे आरोपी कंडक्टर को रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया हो, लेकिन पुलिस की थ्योरी पर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं। जैस कि पुलिस ने एक ही दिन में अरेस्ट कर उसी दिन गिरफ्तारी करने में जल्दी क्यों दिखाई। कहीं पुलिस पर केस का जल्दी खुलासा करने का दबाव तो नहीं था। यह भी बड़ा सवाल है कि वारदात के बाद कंडक्टर फरार क्यों नहीं हुआ? साथ ही कंडक्टर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि आरोपी ने मर्डर के बाद यूनिफॉर्म बदलने की बात कबूली है। इस पर कंडक्टर की पत्नी ममता का कहना है कि उसके पति के पास स्कूल की दी हुई एक ही यूनिफॉर्म थी। वारदात के बाद उसने दूसरी यूनिफॉर्म कैसे पहनी/ चाकू पर खून के निशान न होने व चाकू नया होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है।

माली की अहम बयान

गौरतलब है कि स्कूल के माली हरपाल ने ही टॉइलट में सबसे पहले छात्र को खून से लथपथ देखा था। माली ने बयान दिया है कि कंडक्टर बाथरूम के अंदर नहीं था। माली हरपाल ने साफ कहा कि जब उसने पहली बार देखा तो प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मुख्य आरोपी अशोक कुमार की शर्ट पर खून के धब्बे नहीं थे। हरपाल ने घटना के बारे में बताते हुए कहा है कि उस दिन जब मैंने चीखने की आवाज सुनी.. दो-तीन बच्चे वहां थे.. उन्होंने फर्श पर पड़े प्रद्युम्न की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अंकल जी इस बच्चे को क्या हो गया। मैं भी थोड़ा नर्वस हो गया। तभी बच्चों ने मुझे कहा कि मैं अंजू मैडम (जूनियर स्कूल सेक्शन इंचार्ज अंजू डूडेजा) को बुला लाऊं। जब मैं टीचर के साथ वापस लौटा तो मैंने देखा कि अशोक भी वहीं था और उसकी शर्ट पर खून का कोई निशान नहीं था। अंजू मैडम ने कहा कि बाहर जाने में मदद को कहा। अशोक उस बच्चे को हाथ में लेकर मैडम के साथ बाहर गया और मैडम वापस अपने कमरे चली गयी।
माली के अनुसार जब अशोक बच्चे को लेकर आया तो अंजू मैडम वापस चली गयी… ये मैडम की असंवेदनशीलता को दर्शाता है कि कैसे कोई एक बच्चे को उस हालत में देखकर सामान्य रह सकता है और वापस अपने काम में लग सकता है । अंजु मैडम गैर जिम्मेदारी वाला रवैया अपने आप में बहुत कुछ बताता है।